जिले में चल रहा नकली खाद का अवैध कारोबार
चंद्रपुरा के पास एक मकान में पैकिंग होती पकड़ी नकली खाद
तीन पुलिस हिरासत में, यूपी से सफेद बोरियों से लाई जा रही खाद
छतरपुर। रबी फसल की बुवाई के दौरान खाद का अवैध कारोबार करने वाले व्यापारी सक्रिय नजर आ रहे हैं। जिससे आये दिन अवैध खाद पकड़ी जा रही है और एफआईआर भी हो रही है। ईशानगर में अवैध खाद एवं कालापानी में नकली खाद पकड़े जाने के बाद अब थाना सिविल लाइन पुलिस ने पन्ना रोड में ग्राम चंद्रपुरा के पास परिहार क्रेशर के नजदीक हेमंत वर्मा के मकान से नकली खाद का भंडारण पकड़ा है और तीन लोगों हिमांशु तिवारी, योगेश रैकवार, देवरिया शर्मा को हिरासत में लिया है। पता चला है कि चंद्रपुरा के पास एक मकान में खाद का भंडारण होने की खबर पुलिस को मिली थी तभी सिविल लाइन पुलिस ने वहां छापामार कार्यवाही की तो मकान में करीब 100 बोरी खाद मिली। यह खाद यूपी से सफेद बोरियों में ब्लैक से लाई जाती थी और छतरपुर में डीएपी खाद की हरी बोरियो में पैकिंग करके 2 हजार रुपये तक में बेची जा रही थी। नकली खाद का भंडारण पकड़े जाने के बाद सिविल लाइन टीआई बाल्मीकि चौबे ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। टीआई बाल्मीकि चौबे ने बताया कि जिस मकान में खाद पैकिंग का काम चल रहा था उस मकान के मालिक का नाम हेमंत वर्मा है और तीन लोग हिरासत में लिए गए हैं । वह खाद की बोरियों की पैकिंग कर रहे थे। चंूकि हरी बोरी में डीएपी खाद की मांग छतरपुर जिले में अधिक है इसलिए मुनाफाखोर सफेद बोरियों से खाद हरी बोरी में पलट कर बेच रहे थे। सिविल लाइन पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही से अन्य कारोबारियों में हडक़ंप की स्थिति देखी गई।
समय पर नहीं पहुंचे कृषि विभाग के अधिकारी
एक मकान में खाद का अवैध भंडारण पकड़े जाने के बाद सिविल लाइन टीआई बाल्मीकि चौबे द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई ताकि मौके पर पहुंच कर जांच-पड़ताल कर कार्यवाही करें लेकिन सूचना देने के कई घंटे बाद तक कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुुंचे। जब इस संंबंध मेें डीडीए कबीर कृष्ण वैद्य से मोबाइल पर चर्चा करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। फिर वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी अशोक सिंह से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि मैं अभी जांच के लिए वहां पहुंचा हूं और मुझे पहले जांच कर लेने दो। बाद में सब बताऊंगा। आखिर जांच का विषय है कि कृषि विभाग के अधिकारी सूचना मिलने पर भी समय पर कार्यवाही करने क्यों नहीं पहुंचे हैं। क्या कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही जिले में नकली खाद का कारोबार चल रहा है। कहीं ऐसा न हो कि नकली खाद के कारोबारियों से मिल कर कृषि विभाग के अधिकारी जिला कलेक्टर के मंसूबों पर पानी फेर दें।
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