(कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मामले में कहा है कि पटवारी द्वारा शिकायत दी गई है जिसकी जांच पुलिस कर रही है। अगर सरकारी कर्मचारी के साथ पिटाई हुई है तो वह गलत है और दोषी होने पर संबधित के खिलाफ एक्शन भी होगा)
जबलपुर दमोहनाका चौक के पास मेट्रो अस्पताल के सामने पटवारी प्रवीण सिंह की मारपीट के मामले में बात कलेक्टर दीपक सक्सेना तक पहुंच गई है। एक जमीन के सीमांकन में जात विशेष को लेकर हुए प्रकरण में भाजपा विधायक सुशील इंदु तिवारी का नाम भी सामने आया है जिन पर पटवारी को पिटवाने का आरोप है। वस्तुस्थिति क्या है यह पटवारी जाने.. पर विधायक का कहना है कि 4 लाख रुपए के लेनदेन के चक्कर में कुछ युवकों ने पटवारी को पीटा है। वहीं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मामले में कहा है कि पटवारी द्वारा शिकायत दी गई है जिसकी जांच पुलिस कर रही है। अगर सरकारी कर्मचारी के साथ पिटाई हुई है तो वह गलत है और दोषी होने पर संबधित के खिलाफ एक्शन भी होगा। इसी बीच मारपीट की घटना के विरोध में ये खबर सामने आई कि पिटाई से क्षुब्ध पटवारी प्रवीण सिंह ने अधारताल तहसीलदार को इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में मप्र पटवारी संघ के अध्यक्ष जागेंद्र पीपरी ने बताया कि घटना के विरोध में जिले के सभी पटवारियों ने दो दिन के लिए कलम रख दी है। यानि दो दिन तक पटवारियों का समूह हड़ताल पर रहेगे।
इस पूरे मामले में संबंधित विधायक सुशील तिवारी ने मामले की सिलसिलेवार जानकारी देते हुए कहा कि कुदवारी मे खसरा नंबर 159 की जांच रिपोर्ट बनाने पटवारी प्रवीण सिंह गया था जिसने यहां की जमीन को समुदाय विशेष को बेच दी थी। लेकिन पटवारी द्वारा खसरा नंबर 159 की जगह 158 खसरा नंबर की जांच रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के समक्ष पेश की गई। विधायक ने स्पष्ट किया कि पटवारी से पिटाई के आरोप पूरी तरह निराधार है और हमारे भाजपा कार्यालय परिसर के अंदर किसी प्रकार की कोई मारपीट की घटना नहीं हुई है।