छतरपुर । भगवान जीवन देते हैं तो जीवन को बचाने का काम भी करते हैं । वे सीधे सामने भले ही न दिखें मगर अपने किसी नेक बंदे को भेजकर उसे माध्यम बना देते हैं । रक्तवीर सेवा दल के अमित जैन ने बताया कि आभा खरे नर्सिंगहोम में भर्ती गर्भवती महिला की हालत उस समय गंभीर हो गई जब उसके गर्भ में पल रहे नवजात की गर्भ में ही मृत्यु हो गई। गर्भस्त शिशु की मौत होने पर प्रसूता के पूरे शरीर मे जहर फैलने लगा था। उस पर विडंबना ये कि पीडिता का रक्त समूह दुर्लभ था । स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही थी । तभी इसकी जानकारी रक्तवीर सेवा दल को लगी । रक्तवीर सेवा दल के अमित जैन ने कई बार के रक्तदानी पत्रकार सत्यनिधि त्रिपाठी (संजू) के पुत्र दुर्लभ रक्त समूह के मालिक युवा व्यवसायी रक्तवीर अर्पित त्रिपाठी (लकी) से संपर्क किया । 19 बार के रक्तदानी अर्पित त्रिपाठी (लकी) अपने सारे काम छोड़कर तुंरत ब्लड बैंक पहुंचे और अपने दुर्लभ रक्त समूह के रक्तदान से पीड़िता की जान बचाई।
अर्पित ने बताया कि बचपन से अपने पिता को रक्तदान करते हुए देखा है उन्हीं की प्ररणा से आज 20 वाँ रक्तदान किया है । रक्तदान करने से किसी प्रकार की कोई कमजोरी नही आती बल्कि हर रक्तदान के बाद एक नई ऊर्जा महसूस होती है और हम कई बीमारियों से बचते है। जीवन ईश्वर का दिया है यदि हमारे रक्तदान से किसी का जीवन बचता है तो हमें रक्तदान अवश्य करना चाहिए ।