निजी कालेज में आयोजित छह राज्यों की कार्यशाला मे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो, श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने शिरकत की
भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सत्ता से बड़ी कुर्सी, कुर्सी से बड़ी शिक्षा और शिक्षा से व्यक्ति का समग्र जीवन सुधरता है। जन्म और मृत्यु के बीच अनुशासन के साथ मिलने वाली मुस्कान ही जीवन का सार देती है। प्रदेश में कोई भी बच्चा ड्राप आउट का शिकार न हो, यह प्रयास किया जाएगा। शिक्षा सभी के लिए जरूरी है, इसलिए इसमें किसी तरह की कोताही नहीं होना चाहिए।
सीएम यादव ने ये बातें राजधानी के निजी कालेज में विद्यालयों में बच्चों के ड्राप आउट को कम करने के लिए आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला में कहीं। उन्होंने कहा कि अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाली गुरु की संस्कृति हमारे देश में ही है। जियो और जीने दो, सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया .. यह हमारी ही भावना है जो जन-जन में बसी है। उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवत गीता में भगवान कृष्ण अर्जुन के माध्यम से अपनी बात रखते हैं। कई बार लोग कहते हैं कि गीता में अर्जुन को उकसाने का काम किया गया है लेकिन यह पक्ष अधूरा है। इस युद्ध में भगवान ने जितना नुकसान किया, उतना तो अर्जुन का भी नहीं हुआ। भगवान की पूरी सेना केवल आदेश से कौरवों के पक्ष में खड़े हो गए थे और जो तीर लग रहे थे वह अर्जुन के दुश्मनों को नहीं लग रहे थे। वह भगवान के प्रिय सेना के शूरवीरों को लग रहे थे। इसलिए यह कह सकते हैं कि दक्ष सेना के लिए गुरुकुल की आवश्यकता होती है।
शिक्षा के लिए मोटिवेशन बहुत जरूरी-कानूनगो
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि शिक्षा के लिए मोटिवेशन बहुत जरूरी है। कानूनगो ने रायसेन की शराब फैक्ट्री में छापा मारने की कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि स्कूल बस में पढ़ने के नाम पर बच्चों को लाया जाता था और शराब बनाने का काम कराया जाता था। मुख्यमंत्री ने जानकारी के बाद छापा मारने के लिए कहा और 59 बच्चों को मुक्त कराया गया। उस फैक्ट्री को सील करने का काम मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया है। इसके अलावा एक एनजीओ द्वारा शिक्षा के बदले बच्चों के धर्मांतरण का काम कराया जा रहा था। इसके विरुद्ध कार्यवाही भी सीएम मोहन यादव ने कराई है।
मोदी और मोहन की सराहना की कानूनगो ने
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने कहा कि मुख्यमंत्री यादव उज्जैन से हैं। उज्जैन भगवान कृष्ण की शिक्षा की स्थली रहा है। इसलिए शिक्षा के महत्व को एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव से बेहतर कौन समझ सकता है। इस कार्यशाला में छह राज्यों के लोग पहुंचे। विद्यालयों में बच्चों के ड्राप आउट कम करने के आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला में कानूनगो ने कहा कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद सरकार ने नियम बनाए हैं कि जो बच्चा तीस दिन तक स्कूल से गायब रहेगा, माना जाएगा कि वह बाल श्रमिक बन गया है। इसलिए उसे तलाश कर स्कूल पहुंचाने का काम किया जाएगा।
श्रम मंत्री ने कहा, एमपी को बाल श्रमिक मुक्त करेंगे
श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि एमपी में एक भी बाल श्रमिक नहीं मिलेगा, इसके लिए वे आश्वस्त करते हैं। आवासीय श्रमोदय विद्यालयों में अध्ययन अध्यापन की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि दो से तीन लोगों की कमेटी बनानी पड़ेगी। विभाग जल्दी ही यह काम करेेगा और बाल श्रमिकों को शिक्षा से वंचित न रहने देने के पूरे प्रयास करेगा। अधिकारियों को अच्छी नीयत और समर्पण से काम करना होगा तो यह संभव हो सकेगा। सीएम से चर्चा के बाद नए सिरे से इसके लिए अभियान चलाने का काम करेंगे।
जिस लिफ्ट से गए थे सीएम उसमें फंस गए दो युवक
जिस कालेज में यह कार्यक्रम था, सीएम यादव को उसमें एक लिफ्ट से आयोजन स्थल तक ले जाया गया था। कॉलेज की जिस लिफ्ट का सीएम मोहन यादव ने उपयोग किया था उसमे थोड़ी देर बाद खराबी आ गई। इसके बाद दो युवकों को लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया। करीब 15 मिनट तक दोनो युवक लिफ्ट में फंसे रहे।