जबलपुर में सांस नली से हार्ट तक पहुंची नुकीली पिन
तीन माह पहले निगल गया था दो इंच की पिन; दूरबीन पद्धति से निकाली
एक बार फिर मेडिकल कॉलेज ने जटिल ऑपरेशन करते हुए 12 साल के बच्चे को मौत के मुंह से निकालते हुए नया जीवन दिया
जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग ने आज एक बार फिर जटिल ऑपरेशन करते हुए 12 साल के बच्चे को मौत के मुंह से निकालते हुए नया जीवन दिया है। 12 वर्षीय छात्र भुवनेश्वर प्रसाद ने करीब तीन माह पहले स्कूल में खेल-खेल के दौरान पेपर पिन निगल ली थी, कुछ दिन तक तो वह सामान्य रहा पर बाद में उसे धीरे-धीरे दर्द होने लगा। अमरकंटक का रहने वाला छात्र भुवनेश्वर प्रसाद दसवीं क्लास का छात्र है। उसके माता-पिता ने कई डॉक्टरों से इलाज करवाया पर जब दर्द कम नहीं तो उसे 9 अगस्त को मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया।
दर्द सीने में हो रहा था, इसलिए पहले हार्ट स्पेशलिस्ट को दिखाया गया। इसके बाद छात्र भुवनेश्वर प्रसाद को ईएनटी विभाग में भर्ती करवाया गया। ईएनटी विभाग प्रमुख ड़ाक्टर कविता सचदेवा और उनकी टीम ने बच्चे का एक्स रे लिया तो उसमे दो इंच की पेपर पिन फंसी हुई दिखाई दी। पेपर पिन तेजी से सांस नली से होते हुए हार्ट तक पहुंच रही थी, बच्चे की जान को पिन से खतरा हो सकता था। लिहाजा तुरंत ही डॉक्टर की टीम ने ऑपरेशन की तैयारी करते हुए सफलतापूर्वक पिन को बाहर निकाला।
12 वर्षीय भुवनेश्वर प्रसाद के पिता ने डाक्टर कविता सचदेवा को बताया कि बीते दो सप्ताह से सीने के लेफ्ट साइड बहुत तेज दर्द हो रहा था, कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि इसे क्या हो गया है। अमरकंटक में कई बड़े डॉक्टर को दिखाता पर कोई भी ना ही दर्ज ठीक कर पाया और ना ही वजह बताई। रविवार को जब मेडिकल कालेज में भर्ती करवाया गया और एक्सरे लिया गया तब पता चला कि सांस नली में पेपर पिन फंसे होने के कारण दर्द हो रहा था। छात्र के पिता ने बताया कि आज तक उसने कभी जिक्र नहीं किया को उसने कभी पेपर पिन निगल ली है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने सबसे पहले जब 12 वर्षीय भुवनेश्वर प्रसाद का एक्सरा किया, जिसमें बालक के सीने के भीतर एक पेपर पिन दिखाई दी जो कि सांस नली को फाड़ते हुए धीरे-धीरे हार्ट तक पहुंच रही थी। बच्चे को असहनीय दर्द हो रहा था। गंभीरता देखते हुए तुरंत ही ईएनटी विभाग ने ऑपरेशन की तैयारी की गई और फिर ईएनटी विभाग प्रमुख डॉक्टर कविता सचदेव की पूरी टीम ने जटिल ऑपरेशन करते हुए छात्र के सीने से सफलतापूर्वक पिन निकाल ली। ईएनटी विभाग प्रमुख डॉक्टर कविता सचदेवा ने बताया पिन सांस की नली को फाड़ते हुए धीरे-धीरे हार्ट तक पहुंच रही है लिहाजा ऑपरेशन के दौरान हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर को भी साथ में रखा गया था।
12 वर्षीय भुवनेश्वर प्रसाद का सफल ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर कविता सचदेवा के साथ डॉक्टर महमूदा, डॉक्टर दीपांकर, डॉक्टर काजल, डॉक्टर दीक्षा के साथ-साथ बेहोशी के डॉक्टर डॉ नारंग, डॉक्टर गुप्ता को भी शामिल किया गया था। जिस तरह से पिन हार्ट तरफ बढ़ रही थी उसको देखते हुए हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर निमेष भी मौके पर थे।
डॉक्टर कविता सचदेवा ने बताया कि हार्ट स्पेशलिस्ट को बुलाने की वजह बताई की अगर मौका पड़ने पर पिन निकालने के बाद हार्ट सर्जरी की जरूरत पड़े तो फिर डॉक्टर निमिष की मदद ली जा सके। बहरहाल ईएनटी विभाग ने दूरबीन से भुवनेश्वर का सफल ऑपरेशन करते हुए उसकी जान बचा ली। ऑपरेशन के बाद 12 वर्षीय बच्चा पूरी तरह से स्वास्थ्य है।