थरा पंचायत में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की जोड़ी ने सार्वजनिक कूप निर्माण के नाम पर लाखों का किया भ्रष्टाचार
छतरपुर। जनपद पंचायत छतरपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत थरा के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की कहानी की परतें दिनो दिन खुलती जा रही हैं। आये दिन वहां के ग्रामीण शिकायतें कर रहे हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी खासकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी थरा पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक पर मेहरबान है इसीलिए उनका भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है। ग्राम पंचायत थरा के ही निवासी अरूण शर्मा ने एक शिकायती आवेदन जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिया था कि ग्राम पंचायत थरा के अंतर्गत मौजा सिमरिया में जो सार्वजनिक कूप का निर्माण कराया गया है उसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है। शासन के लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी ग्रामवासी उस कुएं का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि सार्वजनिक कूप निर्माण के लिए सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ने स्थल का चयन गलत किया। यह कुआ पेयजल के लिए कम बल्कि एक व्यक्ति की खेती की सिंचाई के उपयोग के लिए खुदवाया गया है। अगर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा स्थल की जांच कराईजाये तो यह स्पष्ट हो जायेगा। पर्वू में एक शिकायत के आधार पर पंचायत इंस्पेक्टर एडीओ और सब इंजीनियर जांच करने गए थे लेकिन उन्होंने जांच में लीपा पोती की। जबकि जांच दल को कुआ दिखाई नहीं दे रहा था और चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था।
सामुदायिक भवन का उपयोग नहीं
केवल इतना ही नहीं थरा पंचायत में कुशवाहा समाज खेरापुरवा के लिए सामुदायिक भवन स्वीकृत किया गया जो विधायक निधि से बना है। जिसको दो किलोमीटर दूर बस्ती से माता मंदिर प्रांगण में बनाया गया है जबकि वहां पहले से ही कई भवन बने हुए थे। वहीं पर गौशाला भी है।
गऊचारा के नाम पर भी भ्रष्टाचार
ग्राम पंचायत थरा के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक का निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने से पेट नहीं भरा तो उन्होंने गौवंश के हक को भी लील लिया। गौशाला के पशुओं के भूसे के लिए शासन से जो राशि प्राप्त हुई उस राशि का भूसे में उपयोग न करके फर्जी बिल लगाकर राशि हड़प ली गई। जबकि गौशाला में कोई भी गौवंश नहीं है। फिर भी गऊचारा की राशि को गलत तरीके से निकाल लिया गया। यहां तक कि वृक्षारोपण के नाम पर भी भारी भ्रष्टाचार किया गया। बगराजन माता मंदिर थरा में पहले 2020-21 में वृक्षारोपण का कार्य स्वीेकृत हुआ था और पूर्व सरपंच द्वारा कार्य करवा दिया गया था उसका भुगतान निकलना शेष था लेकिन रोजगार सहायक द्वारा फर्जी मस्टर लगाकर वृक्षारोपण की राशि हड़प ली गई। इस भ्रष्टाचार में थरा के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की तिकड़ी पूरी तरह से लिप्त है।
जांच के नाम पर खानापूर्ति
शिकायत के आधार पर 22 अगस्त 2024 को जनपद की एक टीम थरा पंचायत के निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने गई थी लेकिन इस टीम ने जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की है। ले- देकर मामले को रफादफा कर दिया गया है।
इनका कहना
हम थरा पंचायत के सभी कार्यों पर नजर रखे है और सभी की जांच की जा रही है। रोजगार सहायक को भी संविदा समाप्त का भी नोटिस दिया गया है और एक-दो सप्ताह में रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया जायेगा।
अजय सिंह, सीईओ जनपद पंचायत छतरपुर
जनपथ दर्शन के लिए हरिओम अग्रवाल की रीपोट