विजयादशमी एवं संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर हुआ पथ संचलन
छतरपुर। विजयादशमी एवं संघ के स्थापना दिवस के 100 वर्ष पूरे होने पर नगर में पथ संचलन का आयोजन किया गया । जानकारी के अनुसार विगत दिवस 14 अक्टूबर को शाम 4:00 बजे, छतरपुर नगर के माधव उपनगर में स्वयंसेवकों के द्वारा घोष के साथ कदम से कदम मिलने के भाव को लेकर संचलन निकला गया। संचलन सीताराम कॉलोनी स्थित सिद्धेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर भारत माता मंदिर, खेरी की देवी, गांव की देवी हटवारा होते हुए बस स्टैंड नंबर दो से जटाशंकर पैलेस मार्ग होते हुए सिद्धेश्वर मंदिर में समापन हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में नगर एवं खंड के प्रचारक चिराग ने अपने वक्तव्य में प्राचीन भारत के स्वर्णमय इतिहास के साथ हमारे वैदिक शिक्षा पद्धति एवं गौरव में इतिहास का चित्रण करते हुए, हम किन परिस्थितियों के कारण संघर्षमय इतिहास में संघर्ष किया. इसका चित्रण करते हुए संघ की निर्माण पृष्ठभूमि एवं राष्ट्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों और वर्तमान में होने वाले पंच परिवर्तन के विषय पर अपना वक्तव्य दिया।।
लगभग 40 स्थानों पर पुष्प वर्षा एवं उद्घोष के साथ समाज के द्वारा स्वागत किया गया।
इसी तरह केशव उपनगर में स्वयंसेवकों द्वारा घोष के साथ कदम से कदम मिलाने के भाव को लेकर संचलन निकाला गया। संचलन रामलीला मैदान से, गल्ला मंडी, पुरानी इलाहाबाद बैंक, हटवारा, बाजार चौक, बालाजी मंदिर, शुक्लाने मोहल्ला से पुन: चौक बाजार, गल्ला मंडी होते हुए पुन: श्री रामलीला मैदान में समापन हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में सह जिला कार्यवाह कृष्णकांत ने अपने उद्बोधन में कहा कि 2000 वर्षों के संघर्ष के कारण समाज में आई कुरीतियों को हम सबको मिलकर दूर करना है। हिंदू समाज के विरुद्ध वर्षों से चलाए जा रहे विमर्श को इंगित करते हुए कहा कि हिंदुत्व के विरुद्ध ऐसे सभी वैचारिक विमर्श को सकारात्मक दिशा में लेकर जाना है। ये वर्ष संघ के शताब्दी का वर्ष है, जिसमें संघ ने स्वयंसेवकों से पंच परिवर्तन कुटुंब प्रवोधन, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, स्वदेशी, और नागरिक कर्तव्य पर पूरी ताकत से समाज में कार्य करने का आवाहन किया।
इसके अलावा छत्रसाल उपनगर के द्वारा भी 13 अक्टूबर को स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकाला गया। संचलन सागर रोड स्थित संघ कार्यालय से प्रारंभ होकर बोगोटा तिराहा, गणेश मंदिर तिराहा, हनुमान मंदिर होते हुए डेरी तिराहा से बिजावर नाका होते हुए मोटे के हनुमान मंदिर पर संचलन का समापन हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में विभाग के सह संघचालक गुरु प्रसाद अवस्थी जी ने अपने वक्तव्य में सांस्कृतिक भारत की पृष्ठभूमि रखे हुए, रामायण के विभिन्न प्रसंगों के साथ संघ के निर्माण की पृष्ठभूमि के विषय पर अपना विचार रखें।