प्रयागराज में एक युवक की खाने की नली में तीन दिन से खड़ा आलू फंसा रहा। उसके पेट में तीन दिनों तक न तो खाना गया ना ही पानी। युवक बिल्कुल गंभीर स्थिति में पहुंच गया। कल देर रात उसे शान्ती विलास हॉस्पिटल लाया गया। ENT (नाक, कान व गला) सर्जन डाॅ. अजय शुक्ला जब जांच कराई तो पता चला कि उसके खाने की नली में एक खड़ा आलू जाकर फंस गया। तत्काल उसे ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और दूरबीन विधि से कड़ी मशक्कत के बाद खाने की नली से आलू का निकाला जा सका। अभी उसकी स्थिति ठीक है। हास्पिटल में ही उसका इलाज चल रहा है।
रेयर होता है ऐसा केस
नैनी का रहने वाला शिवम यादव (18 वर्ष) तीन दिन पहले गलती से खड़ा आलू छिलका सहित निगल गया, पहले तो उसे दिक्कत नहीं हुई उसे लगा कि वह पेट में चला गया है। लेकिन वह पेट में जाने के बजाय खाने की नली में जाकर फंस गया था। तीन दिन शिवम परेशान था। कुछ स्थानीय डॉक्टरों से संपर्क किया लेकिन आराम नहीं मिला। कल गुरुवार की देर रात उसे शान्ती विलास हॉस्पिटल लाया गया। वहां ईएनटी सर्जन डॉ. अजय शुक्ला ने आलू किसी तरह बाहर निकाला। डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि ऐसा रेयर होता है। हालांकि अब मरीज स्वस्थ है। 2 से 3 दिन में पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।
मरीज शिवम के पिता दीनानाथ यादव, ने बताया कि “शिवम मंगलवार को व्रत रखता है। इस बार भी मंगलवार को व्रत था। उसकी मां ने फलाहारी के रूप में उबाला हुआ आलू दिया था। उसमें एक आलू खड़ा ही रह गया था जिसे खाते हुए शिवम जल्दी में उस खड़े आलू भी निगल गया। वह पेट मे जाने के बजाय खाने की नली में चला गया। शिवम को यह जानकारी भी नहीं हुई कि आलू नली में जाकर फंस गई।”
कराई गई गले की एंडोस्कोपी
डॉ. अजय शुक्ल ने बताया कि मरीज जब हमारे यहां आया तो वह बहुत परेशानी में था। उसके मुंह से लार निकल रहा था। पहले तो हमने एक्सरे कराया लेकिन क्लियर नहीं हो सका। इसके बाद गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट द्वारा उसके गले की जांच की गई तो उसमें पता चला कि खाने की नली में ऊपर कुछ मोटा और गोला चीज फंसा है। ओटी में ले जाने के बाद जब निकालने का प्रयास किया तो पता चला कि आलू है। मरीज और परिजन भी नहीं नहीं जान रहे थे कि उसमें आलू फंसा है।










