इस बार के बजट को विभिन वर्गों की अपेक्षाओं के लगभग अनुरूप लाने का प्रयास किया गया है, पर ऐसा हो नहीं सका। देश की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने देश का बजट सातवीं बार प्रस्तुत कर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम बनाया है।इस बजट में मिडिल क्लास, नौकरी पेशा ,किसानों, ग्रामीणों, व्यापारियों, आदि का ख्याल रखने की बात कही जा रही है।देश के आर्थिक विकास के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए है।इस बजट की कुछ खास बातों को यहां इस प्रकार रेखांकित किया जा सकता है।इस बजट की आलोचना भी करने वाले होंगे, क्योंकि कभी भी इतनी बड़ी आबादी वाले देश में हर व्यक्ति के मनमाफिक बजट बड़े से बड़ा अर्थ और वित्त विशेषज्ञ बना ही नहीं सकता।बहुमत को जो बजट लुभाए और राहत पहुंचाए, वही बजट अच्छा माना जाना चाहिए।
वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने 23 जुलाई 24 को सदन में एक घंटे, 23 मिनट के अपने बजट भाषण में जो घोषणाएं की है, इनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार है।एक करोड़ युवाओं को 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर खुलेगे।बिहार को 41हजार करोड़,आंध्र को 15 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की है।बजट में सियासी गठबंधन काअसर भी देखने को मिला है।नीतीश-नायडू के बिहार और आंध्र के लिए 74 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है।
टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा के समय सदन में गूंजा- बहुत बढ़िया।
पीएम बोले- यह बजट देश को समृद्धि देने वाला है तथा मिडिल क्लास को नई शक्ति देगा। रोजगार, पर्यटन, कृषि और अर्थव्यवस्था आदि पर मोदी सरकार 3.0 के बजट में 9 क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। बजट पेश किए जाने के दौरान शेयर मार्केट में भरी उतार चढ़ाव देखने को मिले।मार्केट निचले स्तर से 1000 अंक से ज्यादा संभला एवं सेंसेक्स में 73अंक की गिरावट देखी गई।
बजट में कैपिटल गेन टैक्स पर फैसले के चलते निवेशक कुछ निराश हुए है,जिससे बाजार में गिरावट देखने मिली।सोने में देशवासियों का तीव्र आकर्षण शुरू से ही रहा हैं।इस बजट में सोना चांदी में कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत की जगह 6 प्रतिशत करने के ऐलान से सोना-चांदी की कीमतें धड़ाम से गिरी,अभी सोना 4000 रुपये तक सस्ता मिल रहा है। इस गिरावट से सभी आय वर्ग, ज्वेलरी व्यवसायियों तथा ग्राहकों के मन में प्रसन्नता होना स्वाभाविक है।ये एजुकेशन एंड एम्प्लॉयमेंट बजट बताया गया है। हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, 5 हजार महीना मिलेंगे। एजुकेशन लोन पर 3% ब्याज सरकार देगी।ओल्ड टैक्स रिजीम वालों के हाथ कुछ नहीं लगा पर वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में दिए कई लाभ दिए हैं। इस किसान हितैषी में एग्रीकल्चर के लिए ₹1.52 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।32 फसलों की 109 नई किस्में लाने की बात कही गईं है। एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती कराने का भी प्रावधान किया गया है।देश भर के 100 शहरों की सूरत बदलने की घोषणा भी की गई है। पानी सप्लाई और कचरा मैनेजमेंट पर बड़ा जोर दिया गया है।
न्यू टैक्स स्लैब में बहुप्रतीक्षित मांग को देखते हुए बदलाव कर वेतन भोगियों को खुश किया गया है।पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब नई कर व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक के सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, 3 से 7 लाख रुपये के सालाना इनकम पर 5 फीसदी का टैक्स देना होगा। 7 से 10 लाख रुपये पर 10 फीसदी और 10 से 12 लाख रुपये के सालाना इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स लगेगा। इसी तरह 12 से 15 लाख रुपये के एनुअल इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। बजट में वित्तीय अनुशासन तथा एग्री रिसर्च पर सरकार का खास फोकस किया गया है। जन जन की जरूरत बन चुके मोबाइल, चार्जर पर आदि पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की गई है।नौजवानों के लिए स्वरोजगार बढ़ाने की बात कही गई है।प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस बजट को देश को नई आर्थिक ऊंचाई देने वाला बजट बताया है।
वैसे इस छोटी सी त्वरित प्रतिक्रिया में सारे बिंदुओं पर टिप्पणी करना दुष्कर कार्य कार्य है।पर आप इस बजट को अपनी मंशा, अपेक्षाओं, नजरिए एवं विचारधारा के अनुसार विश्लेषित कर सकते हैं।
— डा सुमति प्रकाश जैन
प्राध्यापक – वाणिज्य विभाग
एमसीबीयू, छतरपुर, मप्र