माननीय प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को आम बजट में शिक्षा, शोध, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए लिए गए निर्णयों के लिए हृदय से आभार।
बजट में युवाओं के लिए शिक्षा के साथ कौशल और रोजगार पर विशेष ध्यान दिया गया है। शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के मद में 1.48 लाख करोड़ आवंटित किए, जो पिछले बजट से 32 फीसदी ज्यादा है।
कौशल शिक्षा से रोजगार हासिल करने की मंशा से पांच साल की अवधि में लगभग 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना है। एक हजार आईटीआई को अपडेट किया जाएगा। पांच सौ शीर्ष औद्योगिक संस्थानों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप कराई जाएगी। प्रत्येक इंटर्न को पांच हजार रुपये का वजीफा और छह हजार की एकमुश्त सहायता मिलेगी।
अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय शोध कोष का गठन करने के लिए विशेष आभार।
सरकार एक लाख करोड़ रुपये से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित तंत्र स्थापित करेगी। इसके जरिये भारत अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक मानकों के अनुरूप काम कर सकेगा।
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए औद्योगिक अनुसंधान विभाग को 6323.41 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष के बजट से 10 प्रतिशत अधिक है। इसमें से 6265.80 करोड़ रुपये की राशि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के लिए निर्धारित की गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को 2023-24 बजट के संशोधित अनुमान 4891.78 करोड़ रुपये के मुकाबले 8029.01 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है।
अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पांच गुना बढ़ाने पर ध्यान रहेगा। इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये उद्यम पूंजी निधि के तौर पर जुटाया जाएगा, जिससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिल सके। इससे आने वाले समय में अंतरिक्ष अनुसंधान को और गति मिलेगी।
‘डीप ओशन मिशन’ के लिए 600 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए है जिसके तहत समुद्र की गहराइयों में मौजूद संसाधनों का पता लगाया जाएगा। सरकार मिशन संबंधित प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए समुद्र की 6,000 मीटर की गहराई तक मानवयुक्त पनडुब्बी समुद्रयान लॉन्च करने की योजना बना रही है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को 3064.80 करोड़ दिए किए, जिसमें डीप ओशन मिशन के लिए 600 करोड़ रुपये शामिल हैं।
– प्रो शुभा तिवारी, कुलगुरु, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर