मुसीबत में मोहन सरकार, सरकारी कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने भले ही लाडली बहनों और सरकारी कर्मचारियों के लिए खजाना खोल दिया हो, लेकिन मोहन सरकार पर संकट के बादल मडराते नजर आने लगे है। मोहन सरकार ने नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की, लाडली बहनों को रक्षाबंधन को तोहफा दिया, लेकिन प्रदेश के हजारों कर्मचारी 100 फीसदी वेतन का इंतजार आज भी कर रहे है। अब इन कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफा मोर्चा खोल दिया है। सरकारी कर्मचारियों ने 100 फीसदी वेतन को लेकर सीएम मोहन को एक पत्र भी लिखा है।
दरसअल, 2018-19 के बाद हुई नियुक्ति वाले कर्मचारियों को 100 फीसदी वेतन नहीं मिल रहा है। इसी को लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें एक पत्र लिखा है। कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर सोशल मीडिया कैंपेन भी छेड़ दी है। पत्र में कर्मचारियों ने 100 प्रतिशत वेतन देने और परिवीक्षा अवधि को कम करने की मांग की है।
*जानिए पूरा मामला*
प्रदेश में 2018-19 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को मूल वेतन में से 70 प्रतिशत वेतन दिया जाता है। जबकि परिवीक्षा अवधि के हर साल 10 प्रतिशत वेतन बढ़ाने का नियम है। साल 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने यह नियम बनाया था। जो अब तक जारी है, लेकिन कर्मचारियों का 100 प्रतिशत वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसी को लेकर कर्मचारियों ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है।
शिवराज सिंह ने की थी घोषणा
कमलनाथ सरकार के इस नियम को शिवराज सरकार ने बदल दिया था। शिवराज सरकार ने कर्मचारियों को 100 प्रतिशत वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन शिवराज सिंह के ऐलान के बाद इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया।