शौचालय में हुई डिलेवरी,नवजात बच्ची की हुई मौत : ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र में मानवता हुई शर्मसार
कार्यवाही की जगह नोटिस नोटिस का खेल हुआ शुरू
प्रसूता द्वारा 2000 रुपये न देने पर नहीं कराई डिलेवरी, छतरपुर किया रेफर : एसडीएम एवं सीएमएचओ को कलेक्टर ने भेजा जांच करने
छतरपुर की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर किसी घटना के बाद जांच के बाद दोषी पर कार्यवाही का पुराना राग फिर अलापा गया है। समय बीत जाएगा, घटना विस्मृत हो जाएगी, ले देकर मामला खत्म हो जाएगा। फिर नई घटना के बाद जांच एवम कार्यवाही का भोंपू बजेगा। जिस घटना में तत्काल एफआईआर दर्ज कर दोषियों को जेल होना चाहिए बह अभी जांच से गुजरकर पाक साफ हो जाएंगे। वरिष्ठ जिनके मातहत इस घटना के दोषी है, उन वरिष्ठों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए जो ac चैंबर मैं बैठकर कुर्सियां तोड़ रहे है।
छतरपुर। सरकारी अस्पतालों में सिस्टम के भ्रष्टाचार के चलते आए दिन प्रसव के दौरान कभी प्रसूता की मौत हो रही है तो कभी नवजात शिशु की। ऐसा ही एक मामला सरकारी अस्पताल ईशानगर का सामने आया है। ग्राम सलैया निवासी बालकिशन आदिवासी ने बताया कि वह अपनी पत्नी प्रेमबाई को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की रात 11 बजे ईशानगर के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा। अस्पताल पहुंचने पर वहां की नर्स प्रीति प्रजापति ने 2 हजार रुपये की पहले मांग की, इसके बाद डिलेवरी कराने की बात कही। जब प्रसूता प्रेमबाई की जेठानी प्यारी आदिवासी ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो नर्स ने जिला अस्पताल के रेफर कर दिया। प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर किए जाने के बाद वह शौचालय में बाथरूम गई तो इसी दौरान उसकी डिलेवरी हो गई। जब प्रसूता चिल्लाई तो उसकी जेठानी प्यारी आदिवासी ने शौचालय खोलकर देखा तो डिलेवरी हो चुकी थी और बच्ची मृत हालत में थी। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाथरुम के दौरान महिला का प्रसव हुआ और बच्ची के जमीन में गिरने से उसे सिर में चोट लग गई और जिससे उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने थाना प्रभारी को आवेदन देकर की कार्यवाही की मांग
नवजात बच्ची की मौत होने पर बालकिशन आदिवासी अपने परिवार के साथ थाना पहुंचा और वहां थाना प्रभारी को आवेदन देकर लापरवाह नर्स प्रीति प्रजापति व स्वास्थ्य अमले के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की। थाना प्रभारी किशोर कुमार पटेल ने आवेदन लेते हुए कहा कि मामले की जांच करा लेते हैं जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जायेगा उस पर कार्यवाही होगी।
नर्स को किया निलंबित, डॉक्टर एवं बीएमओ को नोटिस
इस संबंध में कलेक्टर के निर्देश पर जांच करने पहुंचे एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि नर्स को निलंबित कर दिया गया है और डॉक्टर व बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही नवजात शिशु के अंतिम संस्कार हेतु 5 हजार रुपये की तात्कालिक रूप से सहायता दी गई और प्रसूता महिला प्रेमबाई आदिवासी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।










